जन्म-कुंडली का कामयाबी से ज्योतिष कनेक्शन

एक कामयाब ज़िन्दगी, एक नामचीन शख्सियत, एक कामयाब इंसान - लगभग हर इंसान की यही ख्वाहिश होती है कि वह इन तीनों में से कुछ बन जाए। इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए, इंसान बचपन से लेकर बुढ़ापे तक एक ना रुकने वाली ज़द्दोज़हद में शामिल हो जाता है। कई सही दिशा में मेहनत के कारण अपनी कोशिशों में पार होते हैं, तो कई गलत निर्णय के कारण आर ही रह जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि ज्योतिष की सहायता से आप इस कोशिश को बेहतर बना सकते हैं और अपनी कामयाबी को और मज़बूत कर सकते हैं। जी हैं, यह मुमकिन है लेकिन यह मुमकिन तभी हो पाएगा जब आप एक सही कुंडली ज्ञाता का साथ पाने में सफल हो जाते हैं।

डॉ. विनय बजरंगी एक अचूक कुंडली ज्ञान के माहिर है जिन्होने अब तक ना जाने कितने लोगों की कुंडली के विश्लेषण से कामयाबी पाने में मदद की है। जैसा की हमारी जन्म कुंडली हमारे जन्म से ही ग्रहों तथा नक्षत्रों की स्थिति को बुनियाद बना कर हमारे जीवन की महत्वपूर्ण विषयों को विवृत करती है, इन्ही आकाशीय शक्तियों के प्रभाव से जुडी गणना करके, डॉ. बजरंगी आपके जीवन से जुड़े हर क्षेत्र में सही निर्णय लेने में आपकी सहायता कर सकते हैं।

जातक को किस बिज़नेस में पैसा लगाना चाहिए, और किसमें नहीं - किस समय पर करें बिज़नेस में इन्वेस्ट, कहां बिजनेस के लिए प्लांट लगाएं और बिजनेस के लिए महत्वपूर्ण निर्णय कब लें। ऐसे कई प्रश्नों का उत्तर देकर आपकी जन्म कुंडली बन सकती है आपकी कामयाबी का एक सही माध्यम। इसके अतिरिक्त कामयाबी से जुड़े ऐसे कई पहलु हैं, जो आपकी जन्म कुंडली में पहले से अंकित होते हैं। बस सही समय पर जान कर, आप पा सकते हैं, अपनी कामयाबी का रस्ता।

चलिए जानिये आखिर क्या है जन्म कुंडली का कामयाबी से ज्योतिष कनेक्शन -

वैदिक ज्योतिष/Vedic Astrology की मानें तो आदमी की सफलता और असफलता में उसके ग्रहों का एक बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारी जन्म कुंडली का नौवां भाव/ninth house भाग्य का भाव माना गया है। इस भाव में बैठा ग्रह हमारे भाग्य के उदय होने, और कितने समय तक उदय होने को तय करता है। ग्रहों के हिसाब से कई लोगों का भाग्य उदय होने में सालों साल लग जाते हैं, किन्तु कई लोगों का भाग्य बचपन में ही उदय हो जाता है। तो आपकी कुंडली को देख कर, ज्योतिषी आपको बता सकते हैं कि आखिर कब होगा आपका भाग्य उदय, और कब आएगी कामयाबी आपके क़दमों में।

कुंडली में नवम भाव और आपका भाग्य - जानें क्या है रिश्ता दोनों में -

जैसे कि ऊपर लिखा है, नवम भाव कुंडली का, भाग्य भाव माना गया है। तो आपके भाग्य में क्या लिखा है, कब आपकी किस्मत चमकेगी, चमकेगी या नहीं, ये सब बताता है, नवम भाव। इस भाव में बैठा ग्रह, व्यक्ति के भाग्य का निर्धारण करता है।  नवम भाव का ही स्वामी ग्रह जिस भी भाव में बैठता है, उससे भी जातक की किस्मत पर प्रभाव पड़ता है। इस तरह, भाग्य से जुड़े सभी सवाल, नवम भाव तथा उसके स्वामी ग्रह को आंक कर ही दिए जा सकते हैं।

भाग्य भाव तथा ग्रहों का प्रभाव -

व्यक्ति के भाग्य भाव/Bhagya Bhava अथवा नवम भाव का स्वामी/ninth house lord यदि बृहस्पति ग्रह हों तो, भाग्य उदय मात्रा 16 वर्ष में ही हो जाता है। यदि सूर्य का स्वामित्व हो आपके नवम भाव पे, तो भाग्य उदय 22 वर्ष में होता है।  चन्द्रमा की उपस्थिति नवम भाव में भाग्य उदय का समय 24 वर्ष में कर देता है। वहीं नवम भाव में शुक्र की मौजूदगी भाग्योदय का समय 25 वर्ष कर देता है।  मंगल नौवें भाव में हो तो, भाग्योदय का समय 28 वर्ष में हो जाता है।  इसी प्रकार बुध नौवें भाव में हो तो भाग्योदय 32 वर्ष में होता है, तथा शनि की उपस्थिति भाग्य उदय और आगे 36 की आयु तक कर देता है। भाग्य भाव में राहु केतु के स्वामित्व से, जातक की किस्मत का दरवाज़ा 42 साल में खुलता है।

यही नहीं, आपकी कुंडली के नवम भाव के अध्ययन से, डॉ. विनय बजरंगी, यहाँ तक बता सकते हैं, की जातक को किस व्यवसाय अथवा साधन को अपनाना चाहिए जिससे उसका भाग्य उदय होगा।  ज्योतिष ज्ञान का गूढ़ अध्ययन, डॉ. बजरंगी को जातकों के कामयाबी से जुड़े सभी सवालों का जवाब देने में सक्षम बनाता है।  इसी लिए कारोबार सम्बन्धी समस्याओं के निवारण के लिए, डॉ. विनय बजरंगी से होरोस्कोप कंसल्टेशन पे लोगों का अटूट विश्वास है। 

Source Link: https://www.apsense.com/article/kundli.html



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