Kundli -आपकी जन्म कुंडली की दशा बदल सकती है आपके जीवन की दिशा

 जन्मकुंडली - एक ऐसा शब्द जो लगभग हर एक इंसान के दिमाग में आता है, जब भी ज्योतिष का ज़िक्र किया जाता है। तो आखिर क्या होती है, कुंडली? क्या वो सब बातें जो एक ज्योतिषी बताते हैं, हमारी कुंडली को देख कर, वो सच होती हैं? ऐसे ही बहुत सारे सवाल जुड़े हैं, जन्मकुंडली से, जिसका जवाब शायद आप आप भी तलाश रहे हैं।  तो आइये, जानिये, कुंडली के बारे में लगभग सब कुछ - एक बहुत ही जाने माने ज्योतिषाचार्य - डॉ. विनय बजरंगी जी से, इस आर्टिकल में। 


हमारी कुंडली मुख्यतः ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा पे आधारित होती है।  हमारे जन्म से ही, ग्रहों का प्रभाव, हमारे जीवन पर पड़ने लगता है।  चूँकि ग्रहों की स्थिति कभी स्थिर नहीं होती, इसीलिए मनुष्य की ज़िन्दगी में कभी स्थिरता नहीं आती।  ये ग्रहों की दशा में बदलाव ही हमारी ज़िन्दगी के बदलावों का एक बड़ा कारण होता है।  तथा आपकी कुंडली को पढ़ कर, एक कुंडली ज्ञाता, आपको आपके ग्रहों की दशा से अवगत कर, आपको सही दिशा की तरफ मोड़ सकता है। 

अगर आज आप जूझ रहे हैं, अपनी ज़िन्दगी से जुड़े कुछ सवालों के साथ, तो अपनी जन्मकुंडली को एक बार ज़रूर दिखाएं - डॉ विनय बजरंगी से।  हमारे ऑनलाइन माध्यम से आप पा सकते हैं, नि:शुल्क संपूर्ण जनम कुंडली हिंदीमे। 

जन्म कुंडली क्या है? जानें मुख्य अंश कुंडली के -

जन्मकुंडली का शाब्दिक अर्थ इसी शब्द में छिपा है।  जी हाँ।  एक ऐसा पत्र जिसमें आपके जन्म से जुड़े कई महत्वपूरण पहलुओं का विवरण होता है।  क्यूंकि ये जन्मपत्री जातक के जन्म के लगभग कुछ एक दिनों में ही बनवा ली जाती है, तो ये एक असमंजस पूर्ण बात है, के आखिर एक ज्योतिषी किस तरह भविष्य से जुड़ी बातों को कुंडली में लिखा देता है। और तो और, अगर आपकी कुंडली किसी सही कुंडली विशेषज्ञ की हाथों बनी हो, तो वह लिखी हुई बातें सच के रूप में आपके सामने प्रदर्शित होने लगती हैं। तो सोचिए, आपके असमंजस का स्तर कहां तक जाएगा। 

जी हाँ! डॉ विनय बजरंगी - जन्मकुंडली विशेषज्ञ, जाने जाते हैं, अपने बेहतरीन ज्योतिष ज्ञान के लिए।  आज ही संपर्क करें, और ज्योतिष के अनुसार सही जन्म कुंडली बनायें। 

ऑनलाइन जन्मपत्री - जन्म का सही समय निर्धारित करता है, आपकी कुंडली की सटीकता -

ये एक बहुत ही एहम जानकारी है, जो आपको मालूम होनी चाहिए, अगर आप अपनी कुंडली के ज़रिये अपने भविष्य एवं वर्तमान से जुडी बातों का निवारण चाहते हैं। चूँकि जातक का सही समय पर पैदा होना, उसके ग्रहों एवं नक्षत्रों के फलदायी होने की पुष्टि करता है, जन्म समय में थोड़ा सा भी हेर फेर, जन्म कुंडली में अशुद्धि ला सकता है। तो जब भी आप अपनी जन्मकुंडली को दिखाने किसी ज्योतिषाचार्य से, अथवा ऑनलाइन जन्म कुंडली विश्लेषण के लिए  जाएँ, तो अपनी जन्मकुंडली में अंकित जन्म के समय की सटीकता को दोबारा ज़रूर सुनिश्चित कर लें। ऐसा करना आपके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगा। क्योंकि, ज्योतिषाचार्य सही एवं सटीक उत्तर से आपके प्रश्नों का निवारण कर सकेगा।

जन्म कुंडली में लग्न की महत्ता -

अगर आप अक्सर किसी ज्योतिषी के पास अपनी जन्मपत्रिका दिखाने जाते रहते हैं, तो सम्भवतः आप लग्न शब्द से काफी अवगत होंगे।  इसके अतिरिक्त अगर आप ज्योतिष में रूचि रखते हैं, तो लग्न की महत्ता को आप बखूबी जानते होंगे।  लेकिन अगर अगर आपको लग्न के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आइये हमसे जानीये की आखिर लग्न है क्या? हमारी कुंडली में लग्न का क्या महत्व है, जानिये डॉ. विनय बजरंगी से। 

हमारी जन्म कुंडली के प्रथम भाव को ज्योतिष भाषा में लग्न कहा जाता है।  जातक का लगभग सारा व्यक्तित्व एवं स्वभाव उसके लग्न से प्रभावित होता है।  और तो और, आपका शारीरिक विकास, कद काठी, चेहरा इत्यादि, सब लग्न से प्रभावित होता है।  इसलिए, ये कहना बिलकुल ग़लत नहीं होगा, के लग्न आप स्वयं होते हैं। 

इसलिए जब भी आप जन्म कुंडली विश्लेषण के लिए किसी भी ज्योतिषी से मिलते हैं, वो सबसे पहले आपके लग्न को देखता है।  लग्न के आधार पे, जातक के स्वभाव का विवरण किया जाता है, जैसे की - क्रोधी स्वभाव,  शांत स्वभाव, दयालु स्वभाव, धार्मिक स्वभाव। 

लग्न से जुड़े ग्रहों तथा भावों पे विचार करके जातक के ज़िन्दगी से जुड़े अन्य पहलुओं पे विचार किया जाता है।  इस तरह लग्न हमारी जन्मकुंडली में एक बहुत ही  महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। 

जन्म कुंडली जन्म तिथि और समय के अनुसार


अगर जातक की जन्म कुंडली जन्म तिथि और समय के अनुसार बनी हो, तो एक ज्योतिषी के लिए जातक के प्रश्नों का सही उत्तर देना काफी आसान हो जाता है।  जन्म कुंडली मुख्यतः जन्म तिथि और समय एवं जन्म स्थान पर आधारित होती है। जन्म से जुड़ी इन सारी जानकारी को आधार बना कर, ज्योतिष-आचार्य ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा की गिनती करते हैं।  उदाहरण स्वरुप - जातक का जन्म से जुड़ा नक्षत्र और जन्म लग्न का किस राशि में होना, नवग्रहों की दशा का राशि और लग्न के आधार पर कुंडली किन भावों में होना, ग्रहों का कुंडली में किस योग का बनाना आदि देख कर जातक के भूत, वर्तमान तथा भविष्य का विवरण दिया जाता है।

Source Link: https://www.apsense.com/article/kundli-5448.html


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